लाल किताब
सू्र्य को बनाएं बली (Remedies for Malefic Sun in Lal Kitab) सूर्य नवग्रहों का राजा है. यह कुण्डली में बली हो तो व्यक्ति राजकीय सम्मान प्राप्त करता है. मान सम्मान यश और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है.
लाल किताब एवं संतान योग कुण्डली का पांचवा घर संतान भाव के रूप में विशेष रूप से जाना जाता है (The fifth house of the Lal Kitab stands for progeny). ज्योतिषशास्त्री इसी भाव से संतान कैसी होगी, एवं माता पिता से उनका किस प्रकार का सम्बन्ध होगा इसका आंकलन करते हैं....
मंदे चन्द्र को शुभ बनाये ( Remedies of Lal Kitab to Maintain the Auspiciousness of Moon) ग्रहों के मंदे या सोया हुआ प्रभाव को कम करके नेक फल प्राप्त करने से सम्बन्धित जो उपाय बताए जाते हैं उनमें लाल किताब के उपाय सबसे आसान और सुविधा जनक है। अपनी इन्हीं खूबियों के कारण लाल किताब लोकप्रिय हो रहा है।...
लाल किताब मे चन्द्रमा (Moon in Lal Kitab) चन्द्रमा शुभ ग्रह है.यह शीतल और सौम्य प्रकृति धारण करता है.ज्योतिषशास्त्र में इसे स्त्री ग्रह के रूप में स्थान दिया गया है.यह वनस्पति, यज्ञ एवं व्रत का स्वामी ग्रह है....
लाल किताब में शुक्र ग्रह (Shukra Graha in Lal Kitab) लाल किताब के अनुसार शुक्र ग्रह की कुण्डली में शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है. ...
लाल किताब में कालसर्प दोष (Kalsarp Dosha according to Lalkitab) वैदिक ज्योतिष के समान लाल किताब भी भविष्य जानने की एक विधा है.लाल किताब में ग्रहों के योग और उनके फल के सम्बन्ध में अपनी मान्यताएं है.ज्योतिष की इस विधा में भी कालसर्प है और इसका फल एवं उपाय है लेकिन कालसर्प को देखने का नजरिया अलग है.आइये हम भी लाल किताब से कालसर्प को जानें....
लाल किताब में सूर्य (Planet Surya according to Lal Kitab) .सूर्य सभी ग्रहों का राजा है.लाल किताब ग्रहों के राजा को टेवे में प्रथम खाना का अधिपति मानता है..
ग्रहो का आयु पर आम प्रभाव (Effects of planet's on life span) लाल किताब पद्धति के अनुसार ब्यक्ति एक समय में दो ग्रहो के प्रभाव में रहता (Influence of two planets at the same time) है. एक तो 35 वर्षीय द्शा चक्र (Dasha chkra) होता है जो कि प्रत्येक व्यक्ति के जन्म समय के अनुसार अलग -2 होता है. ..
लाल किताब में केतु का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Ketu in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है....
लाल किताब में शनि का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Saturn in each house) शनि देव के प्रकोप से हम सभी भयभीत रहते हैं। शनि की साढ़े साती हो या ढईया इनका नाम सुनते ही घबराहट सी महसूस होने लगती है। लाल किताब में शनि के प्रकोप से बचने के लिए आसान उपाय दिये गये हैं। इस लेख में इन्हीं उपायों के बारे में जिक्र किया जा रहा है। ...
लाल किताब में चन्द्रमा का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Moon in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है. ... लाल किताब में शुक्र का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Venus in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है. ... लाल किताब में राहु का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Rahu in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है. ...
लाल किताब में बृहस्पति - सूर्य की युति (Conjuction of Jupiter and Sun) प्रथम भाव (Conjuction of Jupiter and Sun in first house) प्रथम भाव में बृहस्पति -सूर्य की युति होने पर व्यक्ति धनवान एवं सम्मानित होता है उसके गृहस्थ जीवन में सुख - शान्ति बनी रहती है उसकी मृत्यु बिना किसी कष्ट के होती है. परन्तु सावधानी के तौर पर उसे किसी से भी मुफ्त में न कुछ लेना चाहिये ना देना चाहिये. ...
लाल किताब में मंग्ल का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Mars in each house) लाल किताब में मंगल का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Mars in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है. ... लाल किताब में सूर्य का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Sun in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है. ...
लाल किताब में बुध का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Mercury in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है....
लाल किताब में बृ्हस्पति का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Jupiter in each house) आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है. ... लाल किताब में दशा पद्धति (35 वर्ष) ( Methods of 'Dasha' in Lal kitab) (35 years) वैदिक ज्योतिष मे दशा तीन प्रकार (Three types of dashas in vedic astrology) से निकाली जाती है। विंशोत्तरी दशा अष्टोत्तरी दशा (Vinshottori dasha and astottari dasha) एंव योगिनी दशा (Nagini dash)। तथा दशा चन्द्रमा के ऩक्षत्र (Dasha based on nakshatra of Moon) के आधार पर निकाली जाती है। ...
वर्तमान समय में लाल किताब का उपयोगिता (Relevance of Lal Kitab in present time) ज्योतिष के अन्तर्गत समय को जानने का बहुत सारी बिधाएं हैं. ज्योतिष की प्रत्येक शाखा में अपने -2 तरीके से उपाय करने का विधान (Two types of methods in astrology) हैं जैसे कि रत्नो के द्वारा भी कमजोर ग्रहो का उपाय (Remedies by ratna) किया जाता हैं, जबकी वैदिक जोतिष (Vedic astrology) में जप, तप, व्रत, दान, यज्ञ पूजा इत्यादि को महत्व दिया जाता हैं. ...
लाल किताब में ग्रहों का उपाय और इलाज (Remedial methods for planets In Lal Kitab) पहले घर मे़ बृ्हस्पति(Jupiter in the first house) शुभ फल देने वाला माना गया है परन्तु सातवां घर खाली होने के कारण बृ्हस्पति शुभ होते हुए भी निष्फल होगा अब ऎसे में शादी होने पर सातवें घर में शुक्र कायम होगा और उसके बाद यह ग्रह अपना शुभ फल देने लगेगा. ... लाल किताब के अनुसार दान की महत्ता (Importance Of Donation According To Lal Kitab) भारतीय संस्कृति में दान को एक आवश्यक कर्म माना जाता है। शास्त्रो में तो यहाँ तक कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आय का 10% गरीबो व जरुरतमन्दो को दान करना चाहिए। ...
लाल किताब का इतिहास एंव वैदिक ज्योतिष से फलादेश से भिन्नता (History Of Lal Kitab And Its Difference From Vedic Prediction) यह अठारहवीं सदी की बात है जब वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में प. गिरधारी लाल जी शर्मा अंग्रेजी हुकूमत में सरकारी पद पर आसीन थे. तो उस समय लाहौर में जमीन खोदने सम्बन्धित कार्य चल रहा था, खुदाई के दौरान उस जमीन में से ताम्बे की पाटिकाए प्राप्त हुई जिन पर उर्दू एंव फारसी भाषा में कुछ खुदा हुआ था. ...
लाल किताब में ग्रहो के वक्रत्व की अवहेलना (Negligence Of Retrogression Of Planets In Lal Kitab) वैदिक ज्योतिष में वक्री ग्रहो (Retrograde Planets In Vedic Jyotish) का महत्वपुर्ण रोल होता है. जब सुर्य एंव ग्रह विशेष में निश्चित अंशो की दूरी होती है तब ग्रह वक्री (Retrogression Of Planets) कहलाता है. कुछ ज्योतिर्वेदो के अनुसार ग्रह वक्री होने पर और अधिक बलवान हो जाता है अर्थात शुभग्रह वक्री होने (Retrogression Of Auspicious Planets) पर शुभ बलशाली एंव क्रुर ग्रह वक्री (Retrogression Of Inauspicious Planets) होने पर अशुभ बलशाली हो जाता है. ग्रह अपने वक्रत्व काल (Bakratwa Kal) में विशेष फल देता है. . लाल किताब में अलग अलग ॠण (Different Types of Rins In Lal Kitab) लाल किताब के अनुसार ऋण-पितृ (Pitru Rin) से तात्पर्य कुण्डली वाले व्यक्ति पर उसके अपने पूर्वजो के पाप का गुप्त प्रभाव होता है. कुण्डली में जिस ग्रह की राशी (Rashi Of Planet) में उसका दुश्मन ग्रह (Malefic Planet) बैठ जाये तथा वह ग्रह स्वंय भी अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति ऋण-पितृ से ग्रस्त होगा. ...
लाल किताब में ग्रहो की दृष्टियाँ (Aspects of Planets in Lal-Kitab) वैदिक ज्योतिष में दृ्ष्टियो के सम्बन्ध में अपना एक अलग सिद्धान्त है. यहाँ पर दृष्टि ग्रह की होती है भाव की नहीं. दूसरे पूर्ण दृष्टि ही मान्य है आधी-अधूरी नही. वैदिक ज्योतिष के एक अन्य सिद्धान्त में नैसर्गिक ग्रहो की मित्रता एंव शत्रुता स्थायी होती है तथा एक-दूसरे पर दृष्टि का आधार भी नैसर्गिक होता है. परन्तु लाल किताब अपने विशेष सिद्धान्त पर कार्य करती है.... Full story लाल किताब में सोया हुआ भाव/ ग्रह (Sleepy House/Planets In Lal Kitab) वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कोइ ग्रह सूर्य के समीप आता है तो अस्त (Retrograde) हो जाता है. इसका आधार ग्रहो के अंश (Degree of Planets) होते हैं. चूकि लाल किताब (Lal Kitab) अंश के सिद्धान्त (Result of Degree) को मानती नही है अतः यहाँ पर भाव/ ग्रह के सोये होने (Sleepy Condition of House/ Planets ) का नियम लागू होता है. ... लाल किताब के सिद्धान्त एंव नियम (Principles And Laws Of Lal Kitab) किसी भी प्रकार के ज्ञान को समझने के लिए उसके सिद्धान्तो एंव नियमो के बारे में जानना अतिआवश्यक है. क्योकि ये दोनो ही ज्ञान का आधार होते हैं. लाल किताब का सम्बन्ध ज्योतिष (Jyotish Related to Lal KItab) से है तथा अन्य ज्योतिष की विद्याओ (शाखाओं) (Branches Of Jyotish) की भांति लाल किताब स्वंय में एक ग्रन्थ है. ...
लाल किताब में ग्रहो के पक्के घर (Pakka Houses of Planets In Lal Kitab) जिस प्रकार वैदिक ज्योतिष में ग्रहो का कारक (Significator Of Planets) के रुप में प्रयोग भावानुसार (According To Bhav) होता है, उसी प्रकार लाल किताब में प्रत्येक भाव का कारक (Significator Of House) होता है. ...
लालकिताब के अनुसार धोखा फल (Dhokha In Lal Kitab) कुण्डली के किसी भी भाव में स्थित ग्रह अपने से दसवें स्थान में स्थित ग्रह को अपनी धोखे की दृष्टि से अशुभ फल प्रदान करता है. जैसे कि उपरोक्त कुण्डली में दशम भाव (Tenth House) में बैठा सूर्य अपनी दशम दृष्टि (Tenth Aspects Of Sun) सप्तम भाव पर डालकर पत्नि या वैवाहिक जीवन की हानि करता है. ..